RAJPUT SAMRAT MIHIR BHOJ
यह भारत के वह महान राजपूत राजा है, जिन्होंने देश की बेटियों को गुड़िया ओर चूड़ियां देकर कमलंगी नही बनाया । गुड़िया के स्थान पर बेटियों - बहनो को ढाल दी, ओर चूड़ियों के स्थान पर दुधारी तलवार ।
कारण था आठवीं सदी में उस समय इस्लाम का सितारा बुलंदी पर थे, यह लोग विश्व विजेता थे, भारत से दस गुना बड़ा इनका विश्व मे साम्राज्य फैल चुका था । उस समय सम्राट मिहिरभोज परिहार ने लाखों की सेना खड़ी कर दी ।
इस्लाम के उस उत्कर्ष के काल मे भी मातृशक्ति की सहायता से महाराज मिहिरभोज ने चालीस बार अरबो को परास्त किया, सिन्ध में उंन्हे मार मार कर एक गुफा तक सीमित कर दिया, ऐसा मजबूत प्रतिहार राजपूत साम्राज्य इन्होंने खड़ा किया, जिससे अरबो की 300 वर्ष तक भारत की ओर मुख करने की हिम्मत नही हुई ।
सम्राट मिहिरभोज परिहार को भगवान विष्णु को अवतार भी कहा जाता है, क्यो की उस समय असुरो के भय से भारत थर थर कांप रहा था, भगवान विष्णु ने जैसे अपनी चारो भुजाओं से समंदर को मथा था, उन्ही की भांति मिहिरभोज ने अपनी भुजाओ से अरबी , तुर्की राक्षसो को मथ दिया था ।
सम्राट मिहिरभोज बहुत दयालु, ओर दानी थे, लेकिन असुरो ( गैर - सनातनी ) से हद से आगे तक घृणा करते थे । इनके शाशनकाल में मुसलमानो को बहुत कोप झेलना पड़ा था, बल्कि बोद्ध भी अपने जीवित रहने का ठिकाने ढूंढने लगे थे। मिहिरभोज के शाशनकाल में तो यह था - " जीवित रहने का अधिकार तो केवल हिन्दुओ का है । "
ऐसे वीर प्रतापी राजा की जय हो ।
जय मिहिरभोज
जय राजपूताना
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